देहरादून : हम उम्मीदों की दुनिया बसाते रहे वो भी पल पल हमें आजमाते रहे। ये पंक्तियां भाजपा के उन विधायकों का हाले दिल बयां करती हैं जो सरकार में मंत्री बनने की उम्मीद रखते हैं। इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है और उधर सीएम धामी की कैबिनेट में खाली पड़े मंत्रिपद भरे जाने का शुभ मुहूर्त शायद निकल ही नहीं पा रहा है। कितने मुहूर्त आये और निकल गए लेकिन धामी कैबिनेट में खाली पड़े मंत्रिपद भरे जाने का संयोग अभी तक तो बनता नहीं नज़र आ रहा है। साल 2025 गुजरने में अब करीब 3 महीने का वक्त शेष है और साल 2026 चुनाव तैयारी के लिहाज से बेहद अहम है, 2027 में चुनाव होने हैं इस लिहाज से देखा जाए तो वक्त बहुत अधिक नहीं है। ऐसे में कब नए मंत्री बनेंगे और अगर बन भी जाते हैं तो कितना समय नए मंत्रियों को अपने विभागों को समझने और काम करने में लगेगा, ये विचारणीय प्रश्न है हालांकि ये तो फिलहाल दूर की बात है, पहले वो शुभ मुहूर्त निकले तो जब कैबिनेट में खाली मंत्रिपद भरे जाएं।
पहले ये माना जा रहा था कि नवरात्र के शुभ अवसर पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की नई टीम का ऐलान भी होगा और संभवत उसी के आसपास कैबिनेट विस्तार भी हो, लेकिन अब जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अपनी नई टीम का ऐलान नवरात्र से पहले ही कर डाला है तो ऐसे में चर्चा उठना भी लाजमी है कि आखिर कब धामी कैबिनेट में खाली पड़े पदों को भरने का शुभ मुहूर्त आएगा। हालांकि इस बार सत्तापक्ष की तरफ से भी खाली पड़े मंत्रिपद भरे जाने का संकेत दिया गया था, लेकिन अभी तक तो तस्वीर बहुत साफ हुई नहीं है। अब प्रश्न यह खड़ा हो रहा है कि आखिर अड़चन है कहाँ। संगठन की तरफ से तो हमेशा यही कहकर गेंद मुख्यमंत्री के पाले में डाल दी जाती रही है कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दो तिहाई का प्रचंड बहुमत मिला है, लेकिन इस प्रचंड बहुमत के बावजूद वर्तमान समय मे 5 मंत्रिपद खाली पड़े हैं, आखिर वजह क्या है। क्या पार्टी शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी नहीं मिल पा रही है , या सरकार मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस के फार्मूले पर ही चलाना चाहते हैं।



