आज के समय में दिल की बीमारियां तेजी से घर करने लगी है ऐसे में सतर्क रहने की खास जरूरत है. अक्सर फिल्मों में दिल की धड़कन का तेज होना प्यार का एहसास बताते हैं, लेकिन असल जिंदगी में ये इससे बिल्कुल अलग होता है.ये प्यार का एहसास नहीं बल्कि गंभीर समस्या का संकेत होता है. ये बीमारी है एट्रियल फिब्रिलेशन. यह हार्ट बीट से जुड़ी बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या है एट्रियल फिब्रिलेशन
ये एक गंभीर स्थिति है. इसमें व्यक्ति की हार्ट बीट अचानक तेज हो जाती है, हालांकि हार्ट अटैक नहीं आता है, लेकिन स्थिति काफी गंभीर हो सकती है और मरीज को पेसमेकर तक लगाना पड़ सकता है. ऐसा दिल के ऊपरी चेंबर में इलेक्ट्रिक इम्पल्स में बाधा आने की वजह से होता है.
सरल भाषा में कहें तो हेल्दी हार्ट में इलेक्ट्रिक सिग्नल हार्ट बीट को कंट्रोल करते हैं. ये सिग्नल सिनोट्रियल (एसए) नोड में पैदा होते हैं, एट्रियल फिब्रिलेशन में ये इलेक्ट्रिक संकेत गड़बड़ हो जाते हैं और एट्रियल यानि हार्ट का ऊपरी भाग सिकुड़ने के बजाय कांपने लगता है, जिससे दिल की धड़कड़ अचानक बढ़ जाती है.इस परेशानी के चलते रक्त का संचार दिल के हर चेंबर में बेहतर तरीके से नहीं हो पाता, जिससे हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक और दिल की अन्य समस्यायों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षण
तेज धड़कनें
थकावट
चक्कर आना
बेहोश होना
सांस लेने में दिक्कत
धड़कनों का मिस होना
छाती में दर्द
बिना किसी लक्षण के भी बीमारी होना
ये हो सकते हैं कारण
डायबिटीज
अधिक वजन
बढ़ती उम्र
शराब पीना या स्मोकिंग करना
फेफड़ो की कोई बीमारी
दिल की कोई बीमारी
ज्यादा कैफीन लेना
थायरॉइड
स्लीप एपनिया
कैसे बचें
सबसे जरूरी है हार्ट बीट पर निगरानी रखें
स्वस्थ आहार लें
नमक, ट्रांस फैट और चीनी को सीमित करें
फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार लें.
व्यायाम करें
तनाव न होने दें
खूब पानी पीएं
अल्कोहल या कैफीन से बचें
7-8 घंटे की भरपूर नींद लें



