बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी के समर्थन में आयोजित एक जनसभा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का गला भर आया और भावुक होकर उन्होंने जनता से अनिल बलूनी को जिताने की अपील की। दरअसल ये वाकया जोशीमठ का है।
मंगलवार को जोशीमठ क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी के समर्थन में एक जनसभा थी। इसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, सीएम पुष्कर धामी बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी मौजूद थे। महेंद्र भट्ट जब अपने सबोधन की समाप्ति की ओर थे तो उस दौरान महेंद्र भट्ट ने जनता से ये कहते हुए अनिल बलूनी को जिताने की अपील की कि ‘ इस बार मेरी इज्जत का भी सवाल है मेरी आप सभी लोगों से हाथ जोडकर विनती है’। इतना कहकर उन्होंने अपना संबोधन समाप्त किया और अपने स्थान पर जा बैठे।

भावुक प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का सीएम पुष्कर धामी ने हाथ पकड़ा उन्हें ढाढस बंधाया और फिर अनिल बलूनी का भी हाथ पकड़कर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के हाथ से हाथ मिलवाया। सीएम धामी ने दोनों (महेंद्र भट्ट व अनिल बलूनी ) का हाथ जिस तरह से मिलवाया उसको लेकर कहीं न कहीं चर्चाएं होनी लाजमी थी। हालांकि यहां पर क्या सीन था फिलहाल स्पष्ट नहीं है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिर क्यों प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को यह बोलना पड़ा कि उनकी भी इज्जत का सवाल है। जबकि बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने राजेंद्र भंडारी जो कि गढ़वाल सीट पर कांग्रेस के एकमात्र विधायक थे उन्हें भी भाजपा में शामिल करवा दिया है और अब इस सीट पर कांग्रेस के पास एक भी विधायक नहीं है। बावजूद इसके क्यों बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को अपनी इज्जत तक की दुहाई देनी पड़ गई ये समझ से परे है।
आखिर क्यों सीएम धामी ने महेंद्र भट्ट और अनिल बलूनी का हाथ मिलवाया, क्या हो गयी थी कोई ऐसी बात !
इस पूरे वाकये के बाद अब कई तरह की चर्चाओं का जन्म लेना स्वाभाविक है। भावुक अपील को समझा जा सकता है और वैसे भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बहुत ही भावनात्मक और भावुक व्यक्तित्व रखते हैं। लेकिन जिस तरीके से तस्वीर नजर आ रही है की महेंद्र भट्ट जब अपना संबोधन समाप्त करके वापस अपने स्थान पर बैठते हैं और उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके हाथ को थामते हैं , उन्हें शांत करवाते हैं फिर अनिल बलूनी के हाथ को पकड़ते हैं और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और अनिल बलूनी के हाथ से हाथ मिलवाते है। ये चंद सेकेंड का वाकया किसी के गले नहीं उतर पा रहा कि आखिर क्यों सीएम पुष्कर धामी को दोनों नेताओं के हाथ मिलवाने पड़े। ऐसा आखिर क्या हुआ था। क्या किसी बात को लेकर कोई नाराजगी या कोई गिला शिकवा हो गया था।
चंद सेकंड का वाकया दे गया विपक्ष को मौका , बोले गोदियाल हार को देखकर बिलखने लगे हैं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की भावुक अपील अब विपक्ष को बैठे बिठाए मुद्दा दे गई है। कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल का कहना है कि गढ़वाल संसदीय सीट पर हार को देखकर अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बिलखने लगे हैं। तंज कसते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि जब जोशीमठ आपदा के दौर से गुजर रहा था तब वहां के लोग भी आंखों में आंसुओं की धारा लिए सड़क पर थे लोगों के पास आसरा नहीं था और वे आपसे मदद मांग रहे थे निवेदन कर रहे थे लेकिन आपने उन्हें माओवादी कहा।




