देहरादून : उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक मामले में घमासान छिड़ा हुआ है। फिजाओं में सोमवार को पेपर लीक का प्रकरण ही गूंजता हुआ सुनाई दिया। इधर बेरोजगार संघ ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला तो उधर कांग्रेस ने भी पेपर लीक मामले में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस हो-हल्ले के बीच सीएम पुष्कर धामी का बयान भी सामने आए। UKSSSC की तरह ही सीएम धामी ने भी कहा कि ये पेपर लीक जैसा मामला नहीं। बीते रोज आयोग ने भी इसे पेपर लीक नहीं माना बल्कि यह कहा कि प्रश्न पत्र के तीन पन्ने परीक्षा केंद्र से बाहर आ गए। सीएम पुष्कर धामी ने भी कहा की पेपर लीक जैसा मामला नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे एक सुनियोजित षडयंत्र करार दिया उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई बाधा न पहुंचे इसके लिए सरकार सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई, इससे कुछ लोगों के पेट में दर्द होने लगा जिस कारण वह सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने लगे हैं। रविवार को भी फिर ऐसा प्रयास किया गया जबकि यह पेपर लीक जैसा मामला नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ नकल माफिया कोचिंग माफिया सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं जिसे जल्द खुलासा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा की नकल माफिया को किसी भी स्थिति में बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा षड्यंत्र पूर्व में भी हो चुका है लेकिन सरकार ने पारदर्शिता के साथ सभी परीक्षाओं को संपन्न कराकर नकल माफिया के इरादों पर पानी फेर दिया।
इस मामले में विपक्ष सरकार को घेरता हुआ नजर आ रहा है जहां एक तरफ कांग्रेस ने सरकार का पुतला फूंका तो वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी एक-एक कर सरकार के खिलाफ जुबानी तीर दागे। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को जनता को जवाब देना चाहिए कि आखिर तुम्हारी धाकड़ सरकार के धाकड़ मुख्यमंत्री के धाकड़ नकल विरोधी कानून का क्या हुआ। सोशल मीडिया पर साझा की इस पोस्ट में हरीश रावत ने सरकार को आड़े हाथ लिया।हालांकि इस मामले में पुलिस अपनी जांच कर रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द कोई बड़ा खुलासा सामने आएगा, लेकिन इतना जरूर है कि धामी सरकार के सामने फिलहाल तो एक बड़ी चुनौती जरूर खड़ी हो गई है। अभी देखने वाली बात होगी कि धामी सरकार इस बड़ी चुनौती से कैसे निपटती है।



