देहरादून : UKSSSC पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है। बड़ा दिल दिखाकर एक लंबी लकीर खींचते हुए सीएम धामी ने सभी पुरानी परिपाटियां व प्रोटोकॉल छोड़ आंदोलित छात्रों के बीच पहुंचकर छात्रों की भावनाओं को समझा। धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो किसी छात्र आंदोलन जहां सरकार का विरोध हो रहा हो, आंदोलित छात्रों के बीच पहुंचे और उन्हें समझाया। छात्रों ने भी बड़ी ही शांति और सहयोगपूर्ण तरीके से बड़े संयम का परिचय देते हुए सीएम धामी के संदेश को सुना और समझा।
सीएम धामी ने कहा अलग राज्य का सपना हमारे शहीदों और आंदोलनकारियों ने इसलिए साकार किया था ताकि उत्तराखंड के हर बेटे-बेटी का जीवन बेहतर हो, किसी का अहित न हो। आज जब हमारे कुछ बच्चे सड़कों पर हैं, तो मैं उन्हें यही कहना चाहता हूँ कि वे भी हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। प्रदेश का ‘मुख्य सेवक’ होने के नाते, हर आवाज़ को सुनना, हर पीड़ा को समझना और हर दिल तक पहुँचना मेरा दायित्व है। आंदोलन कर रहे युवा भी हमारे अपने हैं।
सीएम ने कहा हमारी सरकार वर्ष 2023 में देश का सबसे पहला सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई, पर जैसा हमेशा होता रहा है, कुछ लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, ऐसे हाकमो और उनके हाकिमों को हम इस बार ऐसा सबक सिखाएंगे कि ऐसे लोग कभी भूल नहीं पाएंगे, पर मैं अपने छात्रों को बता देना चाहता हूं कि किसी के साथ भेदभाव या मनभेद की भावना हमारे मन में कभी नहीं रही। सीएम बोले हम सब एक परिवार हैं और परिवार का उद्देश्य परिवार के सभी सदस्यों का कल्याण होता है। सीएम धामी ने कहा मैं, सभी से आग्रह करता हूँ कि संवाद और विश्वास की राह पर आगे बढ़ें और हम मिलकर उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को मिलकर पूर्ण करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जताया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार
UKSSSC पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति करने पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि सीएम पुष्कर धामी ने पूरे प्रदेश में आंदोलित छात्रों और युवाओं की भावनाओं के अनुरूप अपेक्षित सीबीआई जांच की संस्तुति की। पूर्व सीएम एवं भाजपा सांसद त्रिवेंद्र रावत ने कहा मेरा पहला दिन से मानना था कि UKSSSC पेपर लीक के प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए क्योंकि हमारे छात्रों नौजवानों और अभिभावकों का विश्वास टूटना नहीं चाहिए। अगर छात्र असंतुष्ट होकर आंदोलित हैं तो समाधान जनभावनाओं के अनुरूप होना चाहिए।



