नैनीताल: दिल्ली, एनसीआर और उत्तर प्रदेश के प्रमुख महानगरों में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण अब पर्यटक नैनीताल की ओर रुख कर रहे हैं। इससे नगर के होटल पूरी तरह से बुक हो गए हैं और आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। दीपावली के एक पखवाड़े बाद से पर्यटकों का भारी आवागमन देखने को मिला है, जिससे पर्यटन कारोबारियों में भी उत्साह है।
शुक्रवार को नगर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ देखी गई। भोटिया बाजार, तिब्बती बाजार, स्नोव्यू, चिड़ियाघर, केव गार्डन, हिमालय दर्शन और वाटरफॉल जैसे स्थल पर्यटकों से भरे हुए थे। मालरोड पर भी बड़ी संख्या में सैलानी घूमते नजर आए, जबकि नौका विहार करने वालों की भी तादाद काफी ज्यादा रही। शाम के समय सैलानियों की भीड़ सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए हनुमानगढ़ी पहुंची।
नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण पर्यटक पर्वतीय क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं। वह आशान्वित हैं कि अगले कुछ दिनों तक सैलानियों का तांता लगा रहेगा।
एसोसिएशन के पीआरओ रुचिर साह के अनुसार, कैचीधाम में बढ़ती आस्था के चलते अब नैनीताल से लेकर कैचीधाम तक का पर्यटन कारोबार भी ऑफ-सीजन में चलने लगा है। यह धार्मिक और नैसर्गिक पर्यटन के लिए एक सुखद संकेत है और इस क्षेत्र के पर्यटन को मजबूती प्रदान कर रहा है।
इसी बीच, नैनीताल में वायु प्रदूषण की धुंध शुक्रवार को छंट गई। एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान) के अनुसार, पीएम 2.5 का स्तर 30 पर पहुंच गया है, जबकि पहले यह 60 के पार था। डॉ. मनीष नाजा, एरीज के निदेशक और वायुमंडलीय विज्ञानी ने बताया कि तापमान में गिरावट के कारण क्षेत्र में धुंध की परत छाई थी, जो अब समाप्त हो गई है। प्रदूषित कण वायुमंडल की परतों में फंसे रहते हैं, जिससे धुंध का निर्माण होता है।