आखिकार दायित्व बंटवारे का इंतज़ार खत्म हो ही गया। सीएम पुष्कर धामी ने पार्टी नेताओं को नवरात्रों में दायित्व का तोहफा दे डाला। दायित्व बंटवारे को लेकर जानकारी देते हुए सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा जिन लोगों को दायित्व सौंपे गये हैं।
उनमें हरक सिंह नेगी जनपद चमोली को उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, ऐर्श्वया रावत रूद्रप्रयाग को उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग, गंगा विष्ट जनपद अल्मोडा को उपाध्यक्ष राज्य महिला उद्यमिता परिषद, श्याम अग्रवाल जनपद देहरादून को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड आवास सलाहकार परिषद, शांति मेहरा जनपद नैनीताल को उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, भगवत प्रसाद मकवाना जनपद देहरादून को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड सफाई कर्मचारी आयोग, हेमराज विष्ट जनपद पिथौरागढ को उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय खेल परिषद, रामचंन्द्र गौड जनपद चमोली को अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, पूरन चंद नैलवाल जनपद अल्मोडा को उपाध्यक्ष प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद, रामसुन्दर नौटियाल जनपद उत्तरकाशी उपाध्यक्ष भागीरथी नदी घाटी प्राधिकरण, सायरा बानो जनपद ऊधम सिंह नगर उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग, रेनू अधिकारी जनपद नैनीताल को अध्यक्ष राज्य महिला उद्यमिता परिषद, रजनी रावत जनपद देहरादून उपाध्यक्ष समाज कल्याण योजनाएं अनुश्रवण समिति, ओम प्रकाश जमदग्नि जनपद हरिद्वार उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद, भूपेश उपाध्याय जनपद बागेश्वर उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद, कुलदीप कुमार जनपद देहरादून अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन पंचायत सलाहकार परिषद, ऋषि कण्डवाल जनपद पौडी उपाध्यक्ष सिंचाई सलाहकार समिति, वीरेन्द्र दत्त सेमवाल जनपद टिहरी उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड हतकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद, अजय कोठियाल जनपद टिहरी अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति, श्याम नारायण पाण्डे जनपद नैनीताल उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति का दायित्व सौंपा गया है।
दायित्व बंटवारे के बाद अब इंतज़ार सरकार में खाली पड़े पांच मंत्रिपद भरे जाने का है। दरअसल प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद अब धामी सरकार में पांच मंत्रिपद खाली पड़े हुए हैं। चार मंत्रिपद पहले से ही खाली पड़े हुए थे और पांचवां पद प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हो गया था। अब कुल पांच मंत्रिपद खाली पड़े हैं। ऐसे में अब जब दायित्व बंट गए हैं तो सबकी निगाहें इसपर टिकी हैं कि मंत्रिपद कब भरे जाते हैं।



