प्रकृति और मनुष्य के बीच अटूट संबंध के प्रतीक हरेला पर्व पर इस बार भी बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा। देहरादून शहर को हरा भरा रखने व पुराने स्वरूप को लौटाने के उद्देश्य से देहरादून नगर निगम हरेला पर्व पर एक लाख पौधे लगाएगा। इसके लिए भूमि भी चिन्हित की जा चुकी है। शहर के पार्कों सहित विभिन्न स्थलों पर पौधारोपण किया जाएगा। इस वर्ष किये जा रहे वृक्षारोपण में अत्याधुनिक मियावकी पद्धति का उपयोग किया जा रहा है , जिसमें 10 फीट, 4 फीट एवं 2 फीट के पौधों को विभाजित कर इस तरह से लगाए जाएगा जिससे यह सभी लंबे समय तक जीवित रहे। न सिर्फ पौधे लगाए जाएंगे बल्कि इनका संरक्षण भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त देहरादून नगर निगम द्वारा एफआरआई के सहयोग से हरित नीति बनाये जाने की भी तैयारी की जा रही है। अर्बन ग्रीनिंग के तहत यह अब तक की सबसे बड़ी कार्ययोजना है जिसे धरातल पर उतारने की कवायद चल रही है।
एफआरआई के सहयोग से तैयार होगी हरित नीति : हरित दून का संकल्प होगा पूरा
देहरादून नगर निगम के महापौर सौरभ थपलियाल का कहना है कि देहरादून शहर के पुराने स्वरूप को लौटाने और दून घाटी की हरियाली को बचाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। हरेला पर्व के अवसर पर नगर निगम की तरफ से बड़ी पहल की जा रही है। इसके अलावा हरित नीति तैयार करने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं जिसके लिए एफआरआई का सहयोग लिया जा रहा है। मेयर सौरभ थपलियाल का कहना है कि देहरादून शहर बदलते वक्त के साथ बड़े बदलाव के दौर से भी गुजर रहा है लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है कि दून घाटी के पुराने स्वरूप को कैसे बचाया जाए और इसके लिए बहुत जरूरी है कि बड़े स्तर पर वृक्षारोपण के साथ ही इस हरियाली को बचाए रखना और इसी हिसाब से कार्ययोजना तैयार कर विकास करना ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही विकास कार्य भी किये जा सके।



