देहरादून: भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चे की राष्ट्रीय महासचिव दीप्ति रावत भारद्वाज ने टिहरी प्रवास के दौरान अनेक सामाजिक चिंतकों, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से मुलाकात की।
दीप्ति रावत भारद्वाज ने विगत वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व किए गए कार्यों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिला विकास और सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रही है। लेकिन गैर बीजेपी शासित राज्यों में मातृशक्ति को डिमोटिवेट करने और उसके शोषण की प्रवृत्तियां बढ़ते जा रही हैं। दीप्ती रावत भारद्वाज ने उत्तराखंड द्वारा प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए एक संविधान और एक राष्ट्र की भावना के लिए इसे अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बताया ।
उन्होंने पूरे भारत में विगत वर्षों में उनके द्वारा किए गए प्रवासों के अनुभवों के आधार पर समान नागरिक संहिता को मातृशक्ति के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना।दीप्ति रावत ने कहा कि मातृशक्ति को समर्पित बीते 10 वर्षों में हमने देश की प्रथम नागरिक के रूप में एक महिला को देखा है। मातृत्व वंदना योजना के तहत करोड़ों माताओं को तो वहीं नारी शक्ति अधिनियम से राजनीतिक समानता की तरफ भारत की स्त्री को आगे बढ़ाने का कार्य हमने सफलतापूर्वक किया है।
प्रधानमंत्री दिशा कार्यक्रम के तहत लगभग 2.5 करोड़ महिलाएं डिजिटल साक्षरता को प्राप्त की है । प्रति 1000 पुरुषों के सापेक्ष आज महिलाओं के लिंगानुपात में क्रमिक सुधार इन वर्षों में आया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 2 करोड़ महिलाओं को अपने घरों का स्वामित्व प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत हमारी जच्चा और बच्चा के स्वर्णिम भविष्य के लिए पीएम मोदी ने अलग से विशेष प्रावधान किए हैं। मातृत्व सुरक्षा का अधिकार विगत 10 वर्षों में हमने पहली बार देखा है। आजादी के इतने वर्षों बाद लगभग 26 करोड़ महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा गया है।
मुद्रा योजना के तहत 23 लाख करोड़ धनराशि के ऋण वितरित किए गए हैं जिसमें से 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं रही। ट्रिपल तलाक, सेना में भर्ती प्रक्रिया में समानता का अधिकार, मातृत्व लाभ का अधिकार भी महिलाओं को ही केंद्र में रखकर मोदी सरकार ने किया है।
दीप्ति रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में नए भारत का अभ्युदय हो रहा है जिसके अंतर्गत देश की शिक्षा नीति में 34 वर्ष बाद बदलाव किया गया है । धारा 370 जैसी विभेदनकारी नीतियों को बदलते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को पीएम मोदी ने सामने रखा है। वर्षों से लंबित रामलला के मंदिर निर्माण से लेकर स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की उत्साहजनक प्रतिभागिता तक अनेक ऐसे कार्य हैं जो स्वतंत्र भारत में पहली बार हो रहे हैं। आज देश नक्सलवाद और आतंकी घटनाओं से निपटता नजर आ रहा है ।