पौड़ी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मध्येनज़र आज सांसद अनिल बलूनी वोट डालने अपने गांव खोला पहुंचे। सांसद अनिल बलूनी ने अपने गांव खोला, जिला पौड़ी गढ़वाल में अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए मतदान किया। इस दौरान सांसद अनिल बलूनी ने लोगों से यह अपील भी की, कि वे भी अपना वोट अपने गांव अभियान के तहत अपने मताधिकार का प्रयोग अपने गांव में करें, ग्राम स्वराज हेतु लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने में सहभागी बने और सूने पड़े पहाड़ों को फिर से जीवंत करें। सांसद अनिल बलूनी का कहना है कि हमारा यह प्रयास है कि समय-समय पर लोग अपने गांव आते रहे त्योहारों में शामिल होते रहे जिससे पहाड़ के गांव बच सकें और अलग उत्तराखंड राज्य बनाने के पीछे जो मूल भावना थी वह भी संरक्षित रह सके। सांसद अनिल बलूनी का कहना है कि अपने इस अभियान को आने वाले भविष्य में और वृहत स्वरूप में चलाया जाएगा जिससे पहाड़ को बचाया जा सके।
सांसद अनिल बलूनी की सराहनीय पहल , जड़ों से जुड़ें के पीछे छुपा बड़ा संदेश
चाहे बात अपना वोट अपने गांव की मुहिम की करें या फिर अपनी सांस्कृतिक धरोहर व त्यौहारों को संजोने की , बात खाली होते पहाड़ों में रिवर्स पलायन की हो या फिर भविष्य में होने वाले परिसीमन की। सांसद अनिल बलूनी की इस मुहिम के पीछे उनकी दूरदर्शी सोच भी दिखाई पड़ती है। दरअसल जिस प्रकार से पहाड़ पलायन के चलते खाली हो रहे हैं, अगर इसे रोका न गया तो आने वाला समय बेहद भयावह भी हो सकता है जब पहाड़ के गांव घोस्ट विलेज में तब्दील होकर न रह जाएं। ऐसे में बेहद आवश्यक है पहाड़ों को आबाद रखने की और अपने तीज त्यौहार और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने की ताकि आने वाली पीढ़ी को इसे हस्तांतरित किया जा सके। लिहाजा इस दिशा में सांसद अनिल बलूनी की पहल बेहद सराहनीय कदम है जिसके पीछे के ध्येय को समझा जा सकता है। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो पहाड़ से पलायन का असर पहाड़ की सीटों पर भी पड़ सकता है। लिहाजा ऐसे में बेहद जरूरी है कि अपनी जड़ों से जुड़ा रहा जाए ताकि जिस उद्देश्य से अलग पहाड़ी राज्य की परिकल्पना की गई थी वो साकार हो सके।



