शनिवार की सुबह खेतों में किसानों के बीच हल चलाते, धान की रोपाई करते सीएम पुष्कर धामी नज़र आये। हुड़के की थाप और गीतों के बीच किसानों के साथ धान की रोपाई में हाथ बंटाते मुख्य सेवक सीएम धामी की ये तस्वीर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में सीएम धामी जमीन से जुड़े किसानों के बीच धान रोपते एक संदेश भी देते नज़र आ रहे हैं कि कद चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो लेकिन अपनी माटी और धरती के प्रति हमेशा जमीन से जुड़ा लगाव होना चाहिए। अपने इसी अंदाज से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर दी है और अपनी एक अलग जगह बना ली है। धान की रोपाई की ये तस्वीर इस ओर भी इशारा कर रही है कि सीएम धामी ने भाजपा की अंदरूनी सियासत में भी अपनी जड़ें इतनी गहरी और मजबूत कर दी हैं कि वो सबसे कद्दावर चेहरे के तौर पर खुद को स्थापित कर चुके हैं।
बतौर राज्य के मुख्यमंत्री सीएम पुष्कर धामी ने बडे और कड़े फैसले तो लिए ही लेकिन इसके साथ ही आम जनता और कार्यकर्ताओं के बीच अपनी एक अलग छवि भी बनाई , खुद को मुख्य सेवक की तरह पेश किया और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर खुद को स्थापित किये रखने में सफल रहे। विरोधियों के लिए भी सीएम धामी ने कोई मौका नहीं छोड़ा और परिपक्व प्रशासक व राजनीतिज्ञ के तौर पर खुद को मजबूती के साथ खड़ा किया। ये ही वजह है कि आज सीएम धामी न सिर्फ भाजपा आला कमान की आंख का तारा बन चुके हैं बल्कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री के तौर पर खुद की छवि भी बना चुके हैं। सीएम धामी की नेतृत्व क्षमता और उनके बढ़ते कद और कदमों से उनके प्रतिद्वंदी भी सन्न हैं।
बतौर मुख्यमंत्री सीएम पुष्कर धामी के चार सालों का सफर पूरा गया है और इसी के साथ सीएम धामी उत्तराखण्ड में सबसे अधिक समय तक बने रहने वाले भाजपा के पहले सीएम भी बन चुके हैं। उत्तराखण्ड जैसे राज्य में जहां राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के चलते राजनीतिक अस्थिरता का माहौल या संभावना रहती है , सीएम धामी एक स्थायी नेतृत्व देते हुए भाजपा के सबसे अधिक समय तक बने रहने वाले सीएम बन चुके है और ऐसा तब संभव हो सका है जब सीएम धामी ने अपनी एक अलग लकीर खींची, एक अलग पहचान स्थापित की , एक अलग अंदाज में जनता के बीच में खुद को पहुंचाया और साबित भी किया।



