देहरादून : गढ़वाल कमिश्नर और आईजी अब हफ्ते में 3 दिन मंडल मुख्यालय पौड़ी में बैठेंगे। सरकार ने तय किया है कि दोनों अधिकारियों को अब सप्ताह में तीन दिन मंडल मुख्यालय पौड़ी में बैठना अनिवार्य है। इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य बनने से पहले कमिश्नर और आईजी पौड़ी में बैठते थे लेकिन राज्य बनने के बाद कमिश्नर के मंडल मुख्यालय में बैठने में कमी आई। इस संबंध में मुख्यमंत्री से बातचीत की गई जिसके बाद ये तय किया गया कि गढ़वाल मंडलायुक्त को सप्ताह में तीन दिन पौड़ी मुख्यालय में बैठना होगा और इस बाबत आदेश हो गए हैं।
जनता को मिलेगी राहत , नहीं काटने पड़ेंगे देहरादून के चक्कर
गढ़वाल मंडल आयुक्त के मंडल मुख्यालय पौड़ी में बैठने के चलते लोगों को सुविधा होगी। दरअसल पूर्व में यदा कदा ही कोई अवसर होता था जब कमिश्नर गढ़वाल पौड़ी में बैठा करते थे। अक्सर मंडल आयुक्त देहरादून में ही रहते हैं जिस कारण से कामकाज पर भी असर पड़ता और लोगों को अपने काम के लिए देहरादून तक दौड़ लगानी पड़ती है। लेकिन अब इस फैसले के बाद से यह उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें देहरादून के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे न सिर्फ उनके समय की बचत होगी बल्कि आने-जाने और रहने में पड़ने वाले आर्थिक बोझ से भी बचा जा सकेगा।
अखिर क्यों नहीं मंडल मुख्यालय में बैठते मंडलायुक्त
उत्तराखंड राज्य में दो मंडल हैं एक गढ़वाल मंडल और दूसरा कुमायूं मंडल। गढ़वाल मंडल का मुख्यालय पौड़ी में स्थित है जबकि कुमाऊँ मंडल का नैनीताल में। दोनों ही मंडल के कमिश्नर को मंडल मुख्यालय में बैठना चाहिए ताकि जनहित से जुड़े कार्यों के लिए जनता को व्यर्थ देहरादून की दौड़ न लगानी पड़े। लेकिन होता यह है कि एक आईएएस अधिकारी को मंडल आयुक्त की जिम्मेदारी देने के साथ ही अन्य विभागों की जिम्मेदारी भी सौंप दी जाती है। ऐसे में आईएएस अधिकारी को अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए शासन में भी बैठना पड़ता है। लिहाजा दोहरी जिम्मेदारी का यह असर पड़ता है कि अधिकारी देहरादून में तो बैठ जाते हैं लेकिन मंडल मुख्यालय में समय नहीं दे पाते। देहरादून में गढ़वाल मंडलायुक्त का कैम्प कार्यालय बना दिया गया है लिहाजा मंडलायुक्त ज्यादातर यहीं बैठा करते हैं। बात कुमाऊँ मंडल की करें और पिछले कुछ समय पर गौर करें तो कुमाऊँ मंडल के कमिश्नर तो मंडल मुख्यालय में बैठते हैं। गढ़वाल कमिश्नर के पास अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी होने के चलते उनका पौड़ी मुख्यालय में अधिक समय देना संभव नहीं हो पता। अगर सरकार मंडल आयुक्त को अन्य दायित्व से मुक्त करें तो यह संभव हो सकता है कि कमिश्नर मंडल मुख्यालय में ही बैठे। अब जब सरकार ने तय किया है कि गढ़वाल मंडल आयुक्त को सप्ताह में तीन दिन पौड़ी मुख्यालय में बैठना होगा तो देखना दिलचस्प होगा कि मंडल मुख्यालय में कमिश्नर के बैठने का ये सिलसिला आगे कब तक जारी रहता है।



