देहरादून: तापमान बढ़ने के साथ ही अब उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे हैं। वनाग्नि विकराल रूप धारण कर रही है तो आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर भी मोर्चे पर उतारे गए। इस बीच शासन की तरफ से बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं के मध्येनजर आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द की गई है। केवल विशेष परिस्थितियों में ही छुट्टियां मिल सकेंगी। इसके अलावा वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित वन अधिकारियों और फील्ड कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उन पर कार्रवाई भी हो सकती है। ये निर्देश हुए हैं जारी…

1: वर्तमान वनाग्नि सत्र के दौरान वन विभाग, उत्तराखण्ड के किसी भी अधिकारी / कर्मचारी को किसी भी प्रकार का अवकाश (विशेष परिस्थितियों को छोड़कर) स्वीकृत न किया जाय।
2: वनाग्नि नियन्त्रण में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित वनाधिकारियों/फील्ड अधिकारियों / कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
3: अति संवेदनशील / संवेदनशील वन प्रभागों के प्रत्येक क्रू-स्टेशनों पर क्रू-टीमों को आवश्यक उपकरणों / सामग्री सहित 24X7 तैनात करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। यह भी सुनिश्चित की जाय कि किसी भी क्रू-स्टेशन पर ह्यूमन रिसोर्स / आवश्यक उपकरणों की कोई कमी न रहे।
4: वनाग्नि नियंत्रण / प्रबन्धन हेतु स्थानीय जन समुदाय का सक्रिय सहयोग प्राप्त करने हेतु अधिकाधिक संख्या में वृहद् प्रचार-प्रसार / बैठकें आदि कार्यक्रम संचालित किये जाय तथा स्थानीय स्कूलों/कॉलेजों में भी छात्र/छात्राओं को वनाग्नि रोकथाम हेतु जागरूकता /प्रचार-प्रसार कार्यक्रम आयोजित कराये जाय।
5: वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रभावी नियन्त्रण हेतु विभिन्न स्तरों से पूर्व में निर्गत दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।



