केदारनाथ / रूद्रप्रयाग: 3 नवंबर विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को भैया दूज के पावन पर्व पर प्रातः 08:30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए। ऊं नम् शिवाय, जय बाबा केदार के जय घोष तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान व धार्मिक परंपराओं के साथ कपाट बंद किए गए।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय समेत 15 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को दीपावली के दिन से ही भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था ।
सोमवार को डोली रामपुर से रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी और मंगलवार को गुप्तकाशी से पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जहां पर सभी धार्मिक मान्यताओं के निर्वहन के साथ बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली को छह माह की पूजा के लिए मंदिर में विराजमान किया जाएगा।
चारधामों में प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को अन्नकूट पर्व पर दोपहर 12:14 बजे अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिए गए थे। इस अवसर पर देश-विदेश से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां गंगा की उत्सव डोली के निर्वाण दर्शन किए।
यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैयादूज के पर्व पर दोपहर 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेगी। जहां श्रद्धालु उनके दर्शन व पूजन कर सकेंगे।