देहरादून : गढ़वाल लोकसभा सांसद अनिल बलूनी के एक बयान ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है। सर्दियों के मौसम में राज्य की सियासत गरमा गई है। गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में पासपोर्ट ऑफिस के संदर्भ में गढ़वाल सांसद के बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। दरअसल गढ़वाल क्षेत्र के लिए स्वीकृत दूसरे पासपोर्ट ऑफिस के अभी तक भी न खुल पाने के सवाल पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का जो बयान सामने आया है उसने कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं और स्वयं गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की है।
मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “बड़ी मुश्किल से हम भारत सरकार में जाते हैं विदेश मंत्री के आगे हाथ जोड़कर गढ़वाल क्षेत्र के लिए दूसरा पासपोर्ट ऑफिस लाये, अभी तक वह खुल जाना चाहिए था किन कारणों से एक साईन के लिए अभी तक रुका रहा बड़े दुःख की बात है, इतने प्रयासों के बाद बड़ी मुश्किल के साथ कामों को आगे बढ़ाया जाता है, अपनी सांसद निधि से भी उसके लिए साढ़े बारह लाख रुपए दिए थे वो कहीं अटका हुआ है। उसकी जांच आप भी कीजिये मैं भी कर रहा हूँ।”
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का यह बयान एक गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है कि आखिर क्यों नहीं अब तक वो पासपोर्ट ऑफिस खुल पाया है। विषय की गंभीरता और भी अधिक इसलिए हो जाती है कि अनिल बलूनी न सिर्फ गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं बल्कि वो भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख भी हैं इसलिए उनके बयान की गंभीरता और उनकी चिंता दोनों को बखूबी समझा जा सकता है। सांसद अनिल बलूनी के इस बयान से भाजपा की अंदरूनी सियासत का गरमाना भी लाजमी है। उत्तराखंड में भाजपा का डबल इंजन है, जब केंद्र से कोई स्वीकृति मिली है तो वो अटकी किधर है, आखिर दिक्कत हैं कहाँ, और क्यों, किस स्तर पर यह मामला अटका हुआ है।
हालांकि देखने वाली बात होगी कि अब जब गढ़वाल सांसद का इसपर बयान सामने आ चुका है तो फिर पासपोर्ट ऑफिस का अटका मामला कब तक आगे बढ़ता है और कब पासपोर्ट ऑफिस खुल पाता है। लेकिन जब खुद गढ़वाल सांसद को ही चिंता जाहिर करनी पड़ रही है तो फिर स्तिथि को बखूबी समझा जा सकता है।



