नई दिल्ली : हरिद्वार लोकसभा सांसद एंव पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान उत्तराखंड के सड़क व बुनियादी ढांचे, चारधाम परियोजना में देरी, बाइक टैक्सी नीति और सड़क सुरक्षा उपायों से जुड़े चार महत्वपूर्ण विषय उठाए।
सवालों के जवाब में बताया गया कि उत्तराखंड में सड़क विकास के क्षेत्र में साल 2014-15 से जून 2025 तक कुल 2,969 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया गया है। चारधाम परियोजना में देरी के कारण की वजह न्यायालय में लंबित वन एवं पर्यावरणीय मंजूरी से जुड़े मामले, भूमि अधिग्रहण में देरी, प्राकृतिक आपदा, स्थानीय मांगे और संविदात्मक विवाद प्रमुख कारण बताए जा रहे।
वही बाइक टैक्सी नीति को लेकर उठाए गए सवाल के जवाब में बताया गया कि मोटरयान एग्रीगेटर्स दिशा-निर्देश 2025 के तहत राज्य सरकार के परिवहन मोटरसाइकिलों को साझा यात्री सेवा के रूप में उपयोग की अनुमति दे सकती है उत्तराखंड में इस विषय पर केंद्र को कोई नीति संबंधी विवाद या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है इसके अलावा सड़क सुरक्षा के उपाय को लेकर जानकारी साझा की गई कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु केंद्र सरकार ने पूरी रणनीति एजुकेशन, इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट, इमरजेंसी केयर को अपनाया है। यह बताया गया की प्रमुख उपाय में क्रैश बैरियर्स, रंबल स्ट्रिप्स, साइनेज, गति नियंत्रण, नियमित सड़क सुरक्षा ऑडिट और ब्लैक स्पॉट सुधार व आईआरएडी परियोजना के माध्यम से दुर्घटना डाटा का विश्लेषण और सुधार योजना शामिल है।
सांसद त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से संवेदनशील राज्य के लिए सड़क नेटवर्क को सुलभ सुरक्षित और व्यावहारिक बनाए रखने हेतु केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की और राज्यहित में समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने का आग्रह किया।



