देहरादून: जहां एक तरफ बीजेपी ने प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों में से तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया तो वही दो सीटों पर फिलहाल अपना निर्णय रोका हुआ है। टिहरी लोक सभा सीट से सिटिंग सांसद रानी राज्यलक्ष्मी को टिकट दिया गया है।
नैनीताल लोकसभा सीट से सिटिंग सांसद अजय भट्ट को टिकट दिया गया है तो अल्मोड़ा लोकसभा सीट से सिटिंग सांसद अजय टम्टा को टिकट दिया गया है। ऐसे वक्त में जब पांच में से तीन सीटों पर प्रत्याशी रिपीट किए गए हैं तो फिर क्या वजह है कि दो सीटों पर रिपीट नहीं किए गए क्या माना जाए कि इन दो सीटों पर सिटिंग सांसदों के टिकट पर संकट के बादल है।
तो क्या इस वजह से दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के टिकट पर है संकट
जिन सीटों पर भाजपा ने अपना निर्णय रोका हुआ है उसमें पहली हरिद्वार लोकसभा सीट है जिससे पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं तो दूसरी पौड़ी लोकसभा सीट है जिससे पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सांसद है। इस बात की बड़ी चर्चाएं हैं की पौड़ी लोकसभा सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी भी दावेदार हैं । राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश के स्तर पर अनिल बलूनी अपने आप में एक बड़ा नाम है। शीर्ष नेतृत्व की गुड बुक में शामिल होने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी अनिल बलूनी एक बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
युवा चेहरा होने के साथ ही पहाड़ के सरोकारों को अनिल बलूनी दिल्ली में बखूबी उठाते रहते हैं। वही हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर बात करें तो इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दावेदारी भी है।हालांकि त्रिवेंद्र रावत ने कभी अपनी दावेदारी को मीडिया के सामने जाहिर नहीं किया है लेकिन इस बात की बड़ी चर्चाएं है। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अभी तक बीजेपी शिर्ष नेतृत्व ने उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपी है। वही दूसरा नाम स्वामी यतीश्वरानंद का चर्चा में है। यतीश्वरानंद पूर्व कैबिनेट मंत्री होने के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबियों में भी गिने जाते हैं।
हरिद्वार सीट से उनके नाम की भी काफी पहले से चर्चा होती रही है। एक तीसरा नाम दीप्ति रावत का भी सामने आ रहा है। दीप्ति रावत भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री हैं। राष्ट्रीय राजनीति से लेकर प्रदेश की राजनीति में काफी सक्रिय हैं और एक जाना पहचाना नाम भी है। पौड़ी या हरिद्वार लोकसभा सीट पर एक महिला उम्मीदवार के तौर पर भी उनके नाम पर विचार संभव है।



